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UP Latest News: राजधानी लखनऊ में शनिवार को सपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंनेजेपीएनआईसी को एलडीए को सौंपने पर सरकार को घेरा. कहा कि हम जेपीएनआईसी के फाउंडर मेंबर हैं. उद्घाटन के समय जार्ज फर्नांडीज भी थे।नेताजी थे मोहन सिंह थे समाजवाद और जेपी के योगदान के लिए इस केंद्र को बनाया गया है.अखिलेश ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा किजिन लोगों ने जेपीएनआईसी को बर्बाद कर दिया. वो अब बिहार में वोट कैसे मांगेंगे जेपी इतना बड़ा नाम है इसे एलडीए को दे रहे हैं एलडीए का कामदेख लीजिएगा इनका बनाया बाजार कबूतरखाना लगता है.सपा प्रमुख ने एक बार फिर दोहराया कि हम जेपीएनआईसी को खरीदने को तैयार हैं. कानून व्यवस्था को लेकर भी वह सरकार पर जमकर बरसे. कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा सुनार मारे जा रहे हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है. क्राइम में भाजपा के लोग शामिल हैं। इस मौके पर उन्होंने तेंदुए से संघर्ष करने वाले श्रमिक को दो लाख रुपये का चेक भी सौंपा.

सशक्त संदेश देने की रणनीति
अखिलेश यादव ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल खड़े किए कहा कि प्रदेश में सबसे ज़्यादा सुनार मारे जा रहे हैं (आईटी कर्मचारी या सुनारसमुदाय?) और भाजपा के कुछ लोगों को अपराध में शामिल बताया यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री अख़िलेश यादव की जनता के बीच सशक्त संदेश देनेकी रणनीति का हिस्सा है जिसकी बदौलत वे भोले-भालेपन के साथ बिहार समेत अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार की छवि बना रहे हैं. वहीं योगी सरकारइस विवाद को भ्रष्टाचार और लातहत्तर परियोजना के उदाहरण के तौर पर उजागर कर रही है। JPNIC के ₹865–₹1000 करोड़ लागत और अधूरेनिर्माण का हवाला देते हुए इसे सपना रहित सपना कहा जा रहा है यूपी कैबिनेट ने JPNIC सोसाइटी को भंग कर केंद्र का संचालन और रखरखावलखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपने का फैसला किया. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अब तक ₹821.74 करोड़ खर्च को LDA कोऋण के रूप में देखा जाएगा जिसे 30 वर्षों में चुकाया जाएगा और एलडीए ग्लोबल टेंडर के जरिए निजी भागीदारी लाएगा.उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठकने अखिलेश की हरकतों को “अराजकता” और “गुंडागर्दी” करार दिया और सवाल उठाया कि SP किस मंशा से इसे बढ़ा रही हैअखिलेश ने कानून-व्यवस्था के सवाल भी उठाए, श्रमिकों, किसानों और श्रमिकों के हितों की चिंता जताई, और सरकारी प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े किए.

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