
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पर बड़ा हमला बोला है भारत ने साफ कहा किअंतरराष्ट्रीय समुदाय यह सुनिश्चित करे कि ये संगठन और उनके मददगार अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए अब और नकर सकें यह संदेश भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने सुरक्षा परिषद की अफगानिस्तान पर बैठक में दिया.
हरीश ने कहा कि भारत लगातार अफगानिस्तान की स्थिति पर नजर रख रहा है अफगानिस्तान और भारत के बीच गहरा सभ्यतागत रिश्ता है और इसीकारण शांति और स्थिरता भारत के लिए बेहद अहम है उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकियों के लिए किसी भी तरह की जगह छोड़ना दुनिया औरखासकर इस क्षेत्र के लिए खतरनाक है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर इस बात पर जोर दिया है कि आतंकवाद का मुकाबला करने मेंसभी देशों की साझा जिम्मेदारी है हरीश ने कहा कि यूएनएससी द्वारा घोषित आतंकी संगठन, चाहे वह आईएसआईएस हो, अल-कायदा हो या फिरपाकिस्तान समर्थित लश्कर और जैश, इन पर सख्त कार्रवाई जरूरी है.
नकारात्मक गतिविधियों को हतोत्साहित किया जाए
हरीश ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहमति का पक्षधर है भारत ने दोहा और अन्य क्षेत्रीय बैठकों में भी सक्रियभागीदारी की है ताकि शांति, स्थिरता और विकास को बढ़ावा दिया जा सके उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर दो बार अफगान कार्यवाहकविदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से बात कर चुके हैं भारत ने अफगानिस्तान की ओर से 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा का भीस्वागत किया. भारत का कहना है कि केवल दंडात्मक कदमों से समस्या हल नहीं होगी. हरीश ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए नई और व्यावहारिकनीति की जरूरत है सिर्फ प्रतिबंध या पुराने तरीकों से आगे नहीं बढ़ा जा सकता उन्होंने कहा कि जैसा चल रहा है वैसा ही चलता रहे वाली नीति से कोईफायदा नहीं होगा जरूरत है कि सकारात्मक रवैये को प्रोत्साहित किया जाए और नकारात्मक गतिविधियों को हतोत्साहित किया जाए.
समृद्ध देश बनाने के लिए काम करता रहेगा अफगानिस्तान
हरीश ने अफगानिस्तान में आए भूकंप का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सबसे पहले राहत पहुंचाने वाले देशों में शामिल था भारत ने 1,000 परिवारोंके लिए टेंट और 15 टन खाद्य सामग्री भेजी इसके अलावा 21 टन राहत सामग्री जिसमें दवाएं, हाइजीन किट, कंबल और जनरेटर शामिल थे, भी भेजेगए आने वाले दिनों में और मदद भेजी जाएगी. अगस्त 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद भारत लगातार मदद भेज रहा है अब तक भारतने 50,000 टन गेहूं, 330 टन से ज्यादा दवाएं और टीके, 40,000 लीटर कीटनाशक और कई अन्य आवश्यक सामग्री भेजी हैं इसके अलावा भारत नेयूएनओडीसी के सहयोग से महिलाओं पर केंद्रित नशामुक्ति कार्यक्रमों के लिए भी मदद दी है. भारत का कहना है कि अफगानिस्तान की विकासजरूरतें पूरा करना उसकी प्राथमिकता है। भारत ने वहां 500 से ज्यादा विकास परियोजनाएं पूरी की हैं भारत का मानना है कि शांति और स्थिरता तभीसंभव है जब वहां के लोग गरीबी, बीमारी और भुखमरी से बाहर निकलें. भारत ने दोहराया कि अफगानिस्तान की मदद के लिए उसकी प्रतिबद्धता गैर-समझौतावादी है भारत सभी संबंधित पक्षों के साथ जुड़कर अफगानिस्तान को एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध देश बनाने के लिए काम करता रहेगा.